आशा कंडारा: सफाईकर्मी से बनीं SDM, दो बच्चों की मां की संघर्ष भरी सफलता की कहानी।

आशा कंडारा: सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली मां बनीं राजस्थान की SDM

आशा कंडारा: सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली मां बनीं राजस्थान की SDM

कहते हैं, अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। आशा कंडारा ने इस कहावत को सच कर दिखाया। जोधपुर नगर निगम में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली और दो बच्चों की मां आशा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा पास कर उपखंड अधिकारी (SDM) बनने का गौरव हासिल किया।

संघर्षों से भरी जिंदगी

1997 में शादी के बाद, आशा का वैवाहिक जीवन ज्यादा समय तक नहीं चला। पति से अलग होने के बाद, दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने जोधपुर नगर निगम में सफाईकर्मी की नौकरी स्वीकार की और सड़कों पर झाड़ू लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया।

पढ़ाई के प्रति समर्पण

सफाई का काम करने के साथ-साथ, आशा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर RAS परीक्षा 2018 के लिए आवेदन किया। दिन में काम और रात में पढ़ाई का सिलसिला चलता रहा।

सफलता की कहानी

कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षा परिणाम में देरी हुई, लेकिन जुलाई 2021 में जब परिणाम घोषित हुए, तो आशा ने 728वीं रैंक हासिल की। उनकी इस उपलब्धि ने समाज में एक नई मिसाल कायम की और यह साबित किया कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

समाज के लिए प्रेरणा

आशा की सफलता उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखते हैं। उन्होंने दिखाया कि सामाजिक बाधाएं, आर्थिक तंगी और व्यक्तिगत संघर्ष भी किसी के इरादों को नहीं डिगा सकते।

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