Operation Sindoor: जब भारत की शेरनी सूफिया कुरैशी ने दुश्मनों के होश उड़ाए और हिंदुस्तान ने रचा इतिहास

Operation Sindoor: एक साहसी बचाव अभियान और भारतीय जज़्बे की मिसाल

भारतीय महिला सैनिक सूफिया कुरैशी, सेना की वर्दी में आत्मविश्वास से खड़ी हुई

भारत ने जब-जब अपने नागरिकों पर खतरा मंडराते देखा है, तब-तब उसने अपनी ताकत और इंसानियत दोनों का परिचय दिया है। कुछ ऐसा ही हुआ 2024 में जब इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ (Operation Sindoor) शुरू किया।


Operation Sindoor क्यों लॉन्च किया गया?

7 अक्टूबर 2024 को जब हमास ने इजराइल पर अचानक हमला किया, तब वहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र और प्रवासी फंसे रह गए। युद्ध की स्थिति तेज़ होती जा रही थी, बमबारी और मिसाइल हमलों के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।

इसी बीच भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए Operation Sindoor लॉन्च किया। यह मिशन मुख्य रूप से इजराइल से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए था।


‘सिंदूर’ नाम क्यों?

‘Sindoor’ शब्द भारतीय संस्कृति में सुरक्षा, सम्मान और गृहस्थ जीवन का प्रतीक है। इसी नाम से इस ऑपरेशन को नामित कर एक भावनात्मक जुड़ाव भी दर्शाया गया — जैसे एक पति युद्ध क्षेत्र से अपनी पत्नी को सुरक्षित लाने के लिए जाता है, वैसे ही भारत अपने नागरिकों को वापस लाया।


भारत की शेरनी सूफिया कुरैशी: जिसने दुश्मनों की नींद उड़ा दी

इस पूरे मिशन के दौरान एक नाम ऐसा उभरा जिसने न सिर्फ दुश्मनों की नींद उड़ाई बल्कि भारतीय जज़्बे का नया इतिहास भी रच दिया।

भारत की शेरनी ‘सूफिया कुरैशी’ ने 30 किलोमीटर पाकिस्तान के अंदर घुसकर ऐसा कहर बरपाया कि दुश्मनों के होश उड़ गए!

अब ‘सूफिया कुरैशी’ का नाम सुनते ही पूरा पाकिस्तान थर-थर कांप रहा है।

ये सिर्फ एक मिशन नहीं था, ये था हिंदुस्तान का जज़्बा, नारी शक्ति का प्रतीक, और दुश्मन के मुंह पर करारा तमाचा।


Operation Sindoor का अंजाम क्या हुआ?

Operation Sindoor ने सैकड़ों भारतीयों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकालने में सफलता पाई। भारत सरकार की तत्परता और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय के कारण:

सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित स्वदेश लौटे।

नागरिकों ने भारत सरकार और भारतीय दूतावास की तेज और मानवीय प्रतिक्रिया की सराहना की।

ये मिशन एक बार फिर साबित करता है कि "भारत अपने नागरिकों को कभी अकेला नहीं छोड़ता।"


भारत की वैश्विक छवि पर असर

Operation Sindoor ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक जिम्मेदार, तेज़ और मानवीय राष्ट्र के रूप में छवि को और मज़बूती दी। साथ ही यह भी दिखाया कि भारत न केवल अपने लोगों की रक्षा करता है, बल्कि संकट की घड़ी में त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है।


निष्कर्ष (Conclusion)

Operation Sindoor केवल एक बचाव मिशन नहीं था, यह भारत की संवेदनशीलता, शक्ति और जिम्मेदारी का प्रतीक था। और सूफिया कुरैशी जैसे वीरों ने यह साबित कर दिया कि भारत की बेटियाँ भी जब मैदान में उतरती हैं, तो दुश्मनों को कांपना पड़ता है।

जब दुनिया की कई सरकारें युद्ध में उलझी रहीं, भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह ऑपरेशन आने वाली पीढ़ियों को सिखाता है कि एक मजबूत देश वही होता है जो अपने हर नागरिक को महत्व देता है, चाहे वो देश के भीतर हो या बाहर।

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