प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से बचाने के लिए जानिए कौन कौन से कदम उठाए।
भारत में मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक यानी "तलाक-ए-बिदअत" एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी थी। इसमें पति एक साथ तीन बार "तलाक" कहकर पत्नी से तुरंत संबंध तोड़ लेता था। इस प्रथा ने लाखों मुस्लिम महिलाओं को असुरक्षा, अन्याय और शोषण की स्थिति में डाल दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं की पीड़ा को समझते हुए इसे एक "महिला अधिकार" का मुद्दा माना। उन्होंने कहा कि कोई भी महिला, चाहे वह किसी भी धर्म की हो, उसे समान अधिकार मिलने चाहिए।
उनकी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ एक मजबूत और स्पष्ट कदम उठाया:
तीन तलाक बिल (The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Act, 2019) लाया गया।
यह कानून संसद में पेश किया गया और लंबी बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून 1 अगस्त 2019 से लागू हो गया।
तीन तलाक कानून के मुख्य बिंदु
1. तीन तलाक गैरकानूनी और अपराध घोषित
इस कानून के तहत तीन तलाक देना गैरकानूनी करार दिया गया और इसे दंडनीय अपराध बना दिया गया।
2. सजा का प्रावधान
अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
3. महिला का अधिकार
पीड़ित महिला अपने और अपने बच्चों के लिए भरण-पोषण (maintenance) की मांग कर सकती है।
महिला को अपने नाबालिग बच्चों की हिरासत (custody) का भी अधिकार मिलता है।
4. समझौते का अवसर
पीड़िता की मर्जी से न्यायालय समझौते की अनुमति भी दे सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुस्लिम महिलाओं के प्रति संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि "तीन तलाक से मुक्ति मुस्लिम बहनों के लिए एक नए युग की शुरुआत है।"
उनका मानना था कि किसी भी देश में महिला सम्मान के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तीन तलाक कानून का मकसद किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि महिलाओं को सम्मान और समानता देना है।
मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रियाएं
कई मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें अब एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने की उम्मीद मिली है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस कानून का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाई। यह कदम न केवल मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि भारत में समानता और न्याय के सिद्धांतों को भी मजबूत बनाता है।