पुलवामा और पहलगाम हमला - भारत के इतिहास के दो दर्दनाक पल
पुलवामा हमला 2019 और पहलगाम हमला 2025 दोनों भारत के इतिहास में गहरी छाप छोड़ने वाले आतंकवादी हमले रहे हैं। ये घटनाएं न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रश्न उठाने वाली थीं, बल्कि इन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों को भी गहरा प्रभावित किया। आइए दोनों घटनाओं को विस्तार से समझते हैं।
पुलवामा हमला 2019 : एक आक्रमण जिसने भारत को झकझोर दिया
14 फरवरी 2019 को, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पुलवामा के लेथपोरा में एक आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया। विस्फोटकों से भरी गाड़ी के टकराने से 40 से अधिक जवान शहीद हुए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार कश्मीर का निवासी था।
इस घटना के बाद पूरे भारत में गुस्से का माहौल था। भारत सरकार ने कड़ा जवाब देते हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर हमला किया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में और अधिक तनाव आ गया।
पुलवामा हमले के मुख्य तथ्य :
तिथि : 14 फरवरी 2019
स्थान : पुलवामा, जम्मू-कश्मीर
लक्ष्य : सीआरपीएफ के जवान
शहीद : 40 जवान
आतंकी संगठन : जैश-ए-मोहम्मद
पहलगाम हमला 2025 : पर्यटकों पर निर्दयी हमला
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बैसरण घाटी में 5 भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम पर्यटकों पर क्रूर हमला किया। आतंकवादियों ने AK-47 और M4 राइफलों का इस्तेमाल किया। हमले में 26 लोगों की जान गई और कई घायल हुए।
आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म जानने के लिए उनका नाम पूछा और कुछ से कलमा पढ़ने को कहा। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें वहीं गोली मार दी गई। शुरुआत में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्ला कसूरी था, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।
पहलगाम हमले के मुख्य तथ्य :
तिथि : 22 अप्रैल 2025
स्थान : पहलगाम (बैसरण घाटी), जम्मू-कश्मीर
लक्ष्य : हिंदू और अन्य धर्मों के पर्यटक
मृतक : 26 लोग
आतंकी संगठन : लश्कर-ए-तैयबा (संदेह में)
आतंकवाद के खिलाफ भारत की जंग
पुलवामा हमला और पहलगाम हमला दोनों ही भारत के लिए अत्यंत दुखद और जागरूक करने वाले क्षण रहे हैं। इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित किया कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है। भारत ने हर बार साहस, एकजुटता और संकल्प के साथ आतंकवाद का मुकाबला किया है और आगे भी करता रहेगा।
जब तक देश की जनता और सुरक्षा बलों में एकता और साहस बना रहेगा, आतंकवादी कभी भी अपने नापाक इरादों में सफल नहीं हो पाएंगे।